12th Chemistry Subjective Answer Sent up exam 2023
30 October Sent up exam 2023 12th Chemistry Subjective Question Answer
1Q. हिमांक का अब नमन से आप क्या समझते हैं।
Ans:- जब किसी शुद्ध विलायक मे अवाष्पशील विलेय बुलाया जाता है तो अंतरान्विंक आकर्षण बल बढ़ जाता, जबकि वाष्पदाब घट जाता है, अतः द्रव का हिमांक घट जाता है।
शुद्ध विलायक का हिमांक एवं विलयन का हिमाक के अंतर को हिमांक का अवनमन कहते हैं
इसे ATF से सूचित करते हैं।
ATf = T’f- Tf
जहाँ, T’f = शुद्ध विलायक का हिमांक
Tf = विलयन का हिमांक
2Q. मोल प्रभाज की परिभाषा दें।
Ans :- विलयन के किसी खास अवयव का मोल प्रभाज उसे अवयव के मालों की संख्या तथा बिलियन के कुल मालों की संख्या का अनुपात होता है।
3 Q. ईंधन सेल क्या है ?
Ans:- आज ऐसे सेलो का निर्माण संभव हो गया है जिसमें हाइड्रोजन ,मेथेन, मेथेनॉल आदि के दहन से प्राप्त उर्जा सीधे विद्युत ऊर्जा में बदल जाती है तो ऐसे सेल को ईंधन सेल कहते हैं। जैसे – H2-O2
उपयोग 1- ईंधन सेल की कार्य क्षमता काफी अधिक है।
2- ईंधन सेल काफी हल्का होता है इसलिए इसका उपयोग अंतरिक्ष नो में किया जाता है।
4. इलेक्ट्रोड विभव क्या है ?
Ans:- किसी अर्थ सेल में इलेक्ट्रोड तथा विलयन के बीच स्थापित विभावांतर को इलेक्ट्रोड विभव कहते हैं।
5Q. अभिक्रिया की कोटी की परिभाषा दें।
Ans:- वेज नियम निरूपण में अभिकारक के सांद्रता के घात के योगफल को अभिक्रिया की कोटी कहते हैं।
अभिक्रिया की कोठी धनात्मक ऋण आत्मक धन पूर्णांक कुछ भी हो सकता है।
6Q:- शून्य कोटी की अभिक्रिया क्या है ?
Ans:- वैसी अभिक्रिया जिसमे अभीकारक के सांद्रता का घात सुन्य हो या अभिक्रिया की कोटी शून्य हो तो उसे शून्य कोटी की अभिक्रिया कहते हैं।
7Q. प्रथम कोटि की अभिक्रिया के वेग स्थिरांक की इकाई लिखें।
Ans:- Sec -1 ( समय-1)
8Q. गोल्ड संख्या की परीभाषा दे।
Ans :- 100ml Gold सॉल के 1ml 10% Nacl विलयन के योगदान से स्कंदित होने के लिए आवश्यक लायोफिलीक सॉल के न्यूनतम मात्रा को स्वर्ण संख्या (गोल्ड संख्या) कहते हैं।
12 Q. HCl, HBr, HF एवं HI को अम्लीय शक्ति के बढ़ते क्रम में सजाए।
Ans:- HF HCl HBr HI इसमें सबसे कम हाइड्रोजन क्लोराइड और सबसे अधिक हाइड्रोजन आयोडाइड अम्लीय है।
13Q. उत्कृष्ट गैसें क्या है ?
आवर्त सारणी का वह तत्व जिसके बेहतरीन कक्षा में 8 इलेक्ट्रॉन भरे होते हैं उसे उत्कृष्ट गैस तत्व कहा जाता है
इसका विन्यास nS2nP6
जैसे :- He Ne Ar Kr Xe Rn
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5 Marks Subjective Question Answer
STUDY SYLLABUS Praveen Kumar
21Q. निम्नलिखित को उदाहरण सहित समझाएं।
1) अनु चुंबकीय पदार्थ 2) फेरो चुंबकीय पदार्थ
अनु चुंबकीय पदार्थ :- वैसे पदार्थ जो बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र (magnetic field) में रखने पर दुर्बल रूप से आकर्षित होते हैं, अनुचुम्बकीय पदार्थ (paramagnetic substance) कहलाते हैं तथा इस गुण को अनुचुम्बकत्व (Paramagnetism) कहते हैं।
जैसे:- NO, Cr, Mn, VO2, Cu2+, Ni++, Fe++,
फेरो चुंबकीय पदार्थ :- वैसे पदार्थ जो चुम्बकीय क्षेत्र में प्रबलता के साथ आकर्षित होते हैं तथा चुम्बकीय क्षेत्र की अनुपस्थिति में भी चुम्बकीय गुण रखते हैं, लौह-चुम्बकीय पदार्थ कहलाते हैं।
जैसे:- Ni, Fe, Co आदि ।
22. राउल्ट के नियम की व्याख्या करें इस नियम के आधार पर आप आदर्श और उन आदर्श बिलियनों में किस प्रकार विभेद करेंगे
Ans:- राउल्ट नियम:- स्थिर ताप पर वाष्पशील द्रवों के विलयन में प्रत्येक अवयव का आंशिक वाष्प दाब (partial vapour pressure) उसके मोल प्रभाज के सीधा समानुपाती होता है।
23Q. हेमेटाइट अयस्क द्वारा लोहा का निष्कर्ष को लिखें।
Fe का प० से ० = 26 एवं द्रव्यमान = 55.85 है
इसका मुख्य अयस्ता) हेमेराइट (Fe2O3) एवं मैग्नेटाइट (Fe3O4) है । कार्बन अवकरण विधि से ५ का निष्कर्षण मुख्यतः हेमेटाइट एवं मैग्नेटाइट अयस्क से किया जाता है।
निष्कर्षण :- सबसे पहले अयस्क को निस्तापित किया.
जाता है जिससे अशुद्धियाँ अयस्क से जलवाल्प के रूप में निकल जाता है; कार्बोनेट अपघटित हो जाता है तथा सल्फाइड ऑक्सीकृत हो जाता है। अब निस्तापित अथक को पूना पत्थर तथा कोक के साथ मिलाकर बात-भट्टी या अभिव्यमन भट्टी (उपर से गिराया जाता है। कोक के जलने से 20 प्राप्त होता है। भट्टी के निचले हिस्ले हिस्से का तापमान 1800k का अरी हिस्से का तापमान 500k रहता है। भट्टी के उपरी हिस्से में CO अवकारक पदार्थ का कार्य करता है, लेकिन निचले हिस्से में सिर्फ अनुवारक पदार्थ का कार्य करता भट्टी में होनेवाली अभिक्रियाएँ
उपरी हिस्या: 3Fe2O3 + CO = 2Fe3O4 + CO2
Fe3O4 + CO= 3Fe + 4CO2
Fe2O3 + CO = 2 Fe + CO2
निचली हिस्सा में:- Fe 0 + c→ fe + co
इस प्रकार भुट्टी के निचले हिस्सा से गलित लोहा भट्टी के बिन्दु तक पहुँच जाता है। चुना – पत्थर 1000k तापमान पर अपघटित हो जाता है और CaO प्रदान करता है जो सि- सिका से संयोग करके गलित कैल्शियम सिलीकेट के रूप धातुमल बना देती है। इस प्रकार प्राप्त उत्पाद कच्चा लोहा कहलाता है जिसमें 4% C तथा अन्य अशुद्धियाँ (S,P, Si,Mn) उपस्थित रहती है।