Bihar Board Class 12th Physics 11 November Viral Question Answer 2025
बिहार बोर्ड सेंटर परीक्षा 2024 का जो हो रहा है उसका भौतिकी का 100% करेक्ट Answer के अनुसार आप लोगों को सब्जेक्टिव और ऑब्जेक्टिव संपूर्ण डिटेल नीचे दिया गया है जिसे आप लोग अपने स्कूल कॉलेज में आसानी से बना सकते हैं।
1A | 21A | 41A | 61A |
2D | 22A | 42C | 62A |
3B | 23A | 43A | 63B |
4C | 24D | 44A | 64C |
5B | 25A | 45D | 65A |
6B | 26B | 46B | 66A |
7A | 27A | 47B | 67A |
8C | 28A | 48A | 68A |
9A | 29B | 49B | 69A |
10B | 30B | 50B | 70D |
11C | 31B | 51D | |
12C | 32D | 52C | |
13A | 33B | 53D | |
14D | 34A | 54D | |
15B | 35B | 55C | |
16B | 36B | 56C | |
17B | 37A | 57B | |
18A | 38B | 58C | |
19B | 39D | 59C | |
20C | 40B | 60A |
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Subjective Answer Key
100% Correct answer
12th sent up exam Physics Subjective Question Download Link –
नीचे दिए गए लिंक से आप सब्जेक्टिव प्रश्न का उत्तर पीडीएफ़ फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते है ।
नोट- यह प्रश्नपत्र और उत्तर 12th के सेंट अप परीक्षा 2024 का है । Physics Question Paper
1. परावैद्युत शक्ति तथा आपेक्षिक परावैद्युतांक को परिभाषित करें ।
उत्तर- परावैद्युत शक्ति : वैद्युत क्षेत्र का तीव्रता का वह अधिकतम मान जहाँ तक परावैद्युत माध्यम अचालक बना रहता है, परावैद्युत शक्ति कहलाता है।आपेक्षिक परावैद्युतांक : किसी माध्यम का परावैद्युतांक और निर्वात के परावैद्युतांक के अनुपात को माध्यम का सापेक्ष परावैद्युतांक कहा जाता है। अर्थात् εr=εε0
3. किसी चालक की धारिता से आप क्या समझते हैं ? चालक की धारिता बढ़ाने वाले दो कारकों को लिखें।
उत्तर- किसी चालक की धारिता उसे दिए गए आवेश तथा इस आवेश के कारण उसके विभव में होने वाली वृद्धि के अनुपात को कहते है, अर्थात मात्रक विभव में वृद्धि के लिए दिए गए आवेश की मात्रा को उस चालक की धारिता कहते है। चालक की धारिता को बढ़ाने वाले दो कारक ये रहे: चालक का क्षेत्रफल, चालक के आस-पास के माध्यम का परावैद्युतांक.
4. ऐम्पियर का परिपथीय नियम क्या है ?
उत्तर- किसी बन्द वक्र के लिये चुम्बकीय क्षेत्र B→ का रेखीय समाकलन, बन्द वक्र द्वारा घेरे गये क्षेत्रफल में उपस्थित कुल धारा I का μ0 गुना होता है। अर्थात्
∮B→.dl→=μ0I
जहाँ ∮ किसी बन्द वक्र के अनुदिश रेखीय समाकलन प्रदर्शित करता है। μ0 निर्वात् को चुम्बकशीलता (Permeability of free space) कहलाता है ।
5. लेंस की क्षमता की परिभाषा दें। इसका SI मात्रक क्या है ?
उत्तर- लेंस की क्षमता उसकी फोकस-दरी के व्युत्क्रम द्वारा व्यक्त किया जाता है और इसका SI मात्रक डाइऑप्टर (संकेत में D या m−1) होता है।
6. भँवर धारा क्या है ? इसके दो अनुप्रयोग लिखें।
उत्तर- वर धारा-किसी चालक के भीतर परिवर्ती चुम्बकीय क्षेत्र होने पर उसमें विद्युत-धार होती है उसे भँवर धारा (Eddy Current) कहते हैं । धारा की ये भवरें चुम्बकीय क्षेत्र पैटा हैं और यह चुम्बकीय बाहर से आरोपित चुम्बकीय क्षेत्र के परिवर्तन का विरोध करता है भँवर धारा ट्रांसफॉर्मर को लौह क्रोड में उष्मा उत्पन्न करती हैं जिससे ऊर्जा की हानि होती है | प्रेरण भट्टी में इनका उपयोग होता है |
7. वाटहीन धारा क्या है ?
उत्तर- जब किसी प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में केवल शुद्ध प्रेरकत्व या शुद्ध धारिता हो और परिपथ का प्रतिरोध शून्य हो, तो उस परिपथ में प्रवाहित धारा को वाटहीन धारा कहते हैं. इस धारा को निष्क्रिय धारा भी कहा जाता है
10. ब्रूस्टर का प्रकाश ध्रुवण का नियम लिखें।
उत्तर- ब्रूस्टर का नियम कहता है कि यदि आपतित प्रकाश के आपतन कोण का स्पर्शज्या संख्यात्मक रूप से माध्यम के अपवर्तनांक के बराबर है, तो प्रकाश तरंग अधिकतम समतल ध्रुवीकरण का अनुभव करती है। दूसरे शब्दों में, जब परावर्तित कोण और अपवर्तित कोण के बीच का कोण 90° होता है, तो अधिकतम
ध्रुवीकरण प्राप्त होता है। ध्रुवीकरण कोण को ब्रूस्टर कोण के रूप में जाना जाता है।
11. व्योम तरंगों तथा आकाशीय तरंगों की व्याख्या करें।
उत्तर- व्योम तरंग-रेडियो तरंगों का आयनमंडल से परावर्तित या अपवर्तित होकर धरती पर आना. इस तरह के संचार में धरती की वक्रता बाधक नहीं होती, इसलिए इससे अंतरमहाद्वीपीय दूरी तक संचार किया जा सकता है.
आकाशीय तरंग-वे तरंगें जो प्रेषक एंटीना से सीधी रेखा में चलकर या संचार उपग्रह से परावर्तित होकर अभिग्राही ऐंटीना तक पहुंचती हैं. रेडियो तरंगों के इस प्रकार के संचरण को आकाश तरंग संचरण कहते हैं.
12. p-प्रकार तथा n- प्रकार अर्द्धचालक में दो अंतर बतायें।
उत्तर- एन-प्रकार अर्धचालक में आवेश वाहक ज़्यादातर निम्न से उच्च क्षमता की ओर जाते हैं, जबकि पी-प्रकार अर्धचालक में आवेश वाहक ज़्यादातर उच्च से निम्न विभव की ओर जाते हैं. पी-प्रकार अर्धचालक में अशुद्धियां अतिरिक्त छिद्र जोड़ती हैं, जिन्हें ग्राही परमाणु कहते हैं. वहीं, एन-प्रकार अर्धचालक में अशुद्धियां अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन जोड़ती हैं, जिन्हें दाता परमाणु कहते हैं.
13. क्यों ट्रांजिस्टर का आधार अल्प मादित होता है ?
उत्तर- किसी ट्रांजिस्टर में बहुसंख्यक आवेश (इलेक्ट्रॉन व होल) उत्सर्जक क्षेत्र से संग्राहक क्षेत्र की ओर आधार से होते हुए प्रवेश करते हैं | यदि आधार को मोटा बनाकर उच्च डोपित कर दिया जाए तो उत्सर्जक क्षेत्र के बहुसंख्यक आवेश वाहक आधार क्षेत्र में उपस्थित वाहको से संयुक्त हो जाते हैं तथा केवल अल्प संख्या में आवेश वाहक संग्राहक क्षेत्र में प्रवेश करते हैं | इस प्रकार निर्गत अथवा संग्राहक धारा अपेक्षाकृत कम होता है | अधिक निर्गत अथवा अधिक संग्राहक धारा प्राप्त करने के लिए आधार भाग को पतला तथा कम डोपित किया जाता है ताकि केवल कुछ ही इलेक्ट्रॉन्स व होलों का आधार क्षेत्र में युग्मन हो सके |
आप रह गया की दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर तो दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर जो है आप लोगों को नीचे दिए गए हैं और ऊपर दिए गए लिंक के द्वारा क्लिक करके भी आप लोग डाउनलोड कर सकते हैं।