बिहार में छठ पूजा से जुड़ी पांच रहस्यमई शक्तियां क्या है चलिए यह विस्तार से जानते हैं क्योंकि यह जानना सभी को अति आवश्यक है जो जो छठ पर्व करते हैं उनके लिए तो और अति आवश्यक है और जो नहीं करते हैं वह जान जाएंगे तो वह भी पूजा पाठ करने में अपना विश्वास रखेंगे।
1. रहस्यमई शक्तियां
छठ पूजा की शुरुआत कैसे हुई ?
छठ पूजा यानी कि उगता हुआ सूर्य देव की पूजा जैसा कि आप लोग जानते हैं कि किसी भी समस्या को उत्पन्न होने पर हिंदू परंपराओं के अंतर्गत सूर्य को सबसे बड़ा देवता के रूप में बिहार में पूजा जाता है क्योंकि एक समय ऐसा था कि बिहार में किसी नारी की 1 पुत्र को देहांत हो जाता है और देहांत होने के बाद वह नारी अपने आपको प्रत्यक्ष यानी कि सूर्य भगवान को वह पुत्र को समर्पित कर देते हैं और वह सुबह से लेकर शाम तक शाम से लेकर सुबह तक सूर्य भगवान का उपासना करते रहते हैं और अंततः जल में जाकर आपने आंचल से आ रख देते हैं उसके पश्चात उनका पुत्र अचानक से जीवित हो उठता है और फिर खेलने कूदने लगता है उसके अंतर्गत बिहार वासियों के ग्रामीण क्षेत्रों से यह सभी जगहों पर फैलना शुरू हो जाता है कि सूर्य की उपासना और सूर्य की भक्ति यानी कि छठ पूजा करने से किसी का भी पुत्र संकट में नहीं पड़ सकता है इसलिए यह छठ पर्व मनाया जाता है।
2. रहस्यमई शक्तियां
आज जो बिहार संपूर्ण सूर्य उपासना का व्रत रखते हैं वही बिहार संपूर्ण विश्व में सूर्य उपासना रखने का भी प्रस्ताव रख दिया है क्योंकि कहा जाता है कि उगता हुआ और डूबता हुआ ईश्वर सूर्य ही है और सूर्य को अनंत माना जाता है क्योंकि सूर्य नहीं तो पृथ्वी भी नहीं पीती भी नहीं तो मानव नहीं मानव नहीं, इसलिए मानवता को जीवित रखने के लिए सूर्य की उपासना यानी की पूजा करना अति आवश्यक है क्योंकि मानवता से ही विश्व कल्याण जुड़ी हुई है।
3. रहस्यमई शक्तियां
सूर्य संपूर्ण सृष्टि को शक्ति यानी ऊर्जा देने वाले देवता भी है इसलिए सूर्य की उपासना या छठ व्रत करना सभी धर्मों को प्रगतिशील बनाने के बराबर है क्योंकि सूर्य नहीं तो कोई धर्म कहां से और जो सूर्य को ईश्वर ना माने वह केवल शैतान की भाती ही कार्य करते हैं।
4. रहस्यमई शक्तियां
आज एक छोटा सा बिहार के गांव से उठकर यामहा छठ पर्व संपूर्ण विश्व में सूर्य की उपासना रखने वाला पर्व सभी जगहों पर की जा रही है आखिरकार क्यों क्योंकि यही सूर्य संपूर्ण विश्व को ऊर्जा यानी शक्ति प्रदान करते हैं सूर्य को देवता मानने वाले हैं इस पृथ्वी का मानव हो सकते हैं।
5. रहस्यमई शक्तियां
हिंदू धर्म में उसी को ईश्वर या भगवान माना जाता है जिनसे सभी का कल्याण होता है जैसे कि वायु यानी वायु देव के रूप में, मिट्टी यानी धरती माता के रूप में, सूर्य सूर्य देव के रूप में या ऊर्जा के रूप में, वृक्ष या पौधा अन्नदाता के रूप में, गाय माता के रूप में, घर मंदिर के रूप में, इत्यादि सभी के दिनचर्या में शामिल होते हैं यदि कोई कहे कि इन सब से हमें कोई लेना देना नहीं है तो बताइए बिना आग के कोई जीवित रह सकता है तो नहीं बिना पानी के कोई जीवित रह सकता है तो नहीं बिना आकाश के कोई जीवित रह सकता है तो नहीं बिना सूर्य के जीवित रह सकता है तो नहीं बिना अन के जीवित रह सकता है तो नहीं बिना वायु के रह सकता है तो नहीं यानी कि हम लोगों को ईश्वर के रूप में इन्हें जरूर पूछना चाहिए क्योंकि जिसे हम जीवित रहते हैं जो हमारे जन्म में कर्म में शामिल होते हैं वही हमारे ईश्वर या भाग्यवान है।
6. एक ऐसा त्यौहार जो चार दिन चलता है, कोई दंगा नहीं होता, इंटरनेट कनेक्शन नहीं काटा जाता, किसी शांति समिति की बैठक कराने की जरुरत नहीं पड़ती, चंदे के नाम पर गुंडा गर्दी नहीं होती और जबरन उगाही भी नहीं ! शराब की दुकाने बंद रखने का नोटिस नहीं चिपकना पड़ता, मिठाई के नाम पर मिलावट नहीं परोसी जाती है! उंच – नीच का भेद नहीं होता, व्यक्ति-धर्म विशेष के जयकारे नहीं लगते, किसी से अनुदान और अनुकम्पा की अपेक्षा नहीं रहती है, राजा रंक एक कतार में खड़े होते है, समझ से परे रहने वाले मंत्रो का उच्चारण नहीं होता और दान दक्षिणा का रिवाज नहीं है, प्रकृति के ऐसे महा पर्व #छठ_पूजा की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें 👏
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