* लोहा के मुख्य अयस्क, निश्कर्षण एवं समीकरण दें- :⇒ Fe का प० से ० = 26 एवं द्रव्यमान = 55.85 है
इसका मुख्य अयस्ता) हेमेराइट (Fe2O3) एवं मैग्नेटाइट (Fe3O4) है । कार्बन अवकरण विधि से ५ का निष्कर्षण मुख्यतः हेमेटाइट एवं मैग्नेटाइट अयस्क से किया जाता है।
निष्कर्षण :- सबसे पहले अयस्क को निस्तापित किया.
जाता है जिससे अशुद्धियाँ अयस्क से जलवाल्प के रूप में निकल जाता है; कार्बोनेट अपघटित हो जाता है तथा सल्फाइड ऑक्सीकृत हो जाता है। अब निस्तापित अथक को पूना पत्थर तथा कोक के साथ मिलाकर बात-भट्टी या अभिव्यमन भट्टी (उपर से गिराया जाता है। कोक के जलने से 20 प्राप्त होता है। भट्टी के निचले हिस्ले हिस्से का तापमान 1800k का अरी हिस्से का तापमान 500k रहता है। भट्टी के उपरी हिस्से में CO अवकारक पदार्थ का कार्य करता है, लेकिन निचले हिस्से में सिर्फ अनुवारक पदार्थ का कार्य करता भट्टी में होनेवाली अभिक्रियाएँ
उपरी हिस्या: 3Fe2O3 + CO = 2Fe3O4 + CO2
Fe3O4 + CO= 3Fe + 4CO2
Fe2O3 + CO = 2 Fe + CO2
निचली हिस्सा में:- Fe 0 + c→ fe + co
इस प्रकार भुट्टी के निचले हिस्सा से गलित लोहा भट्टी के बिन्दु तक पहुँच जाता है। चुना – पत्थर 1000k तापमान पर अपघटित हो जाता है और CaO प्रदान करता है जो सि- सिका से संयोग करके गलित कैल्शियम सिलीकेट के रूप धातुमल बना देती है। इस प्रकार प्राप्त उत्पाद कच्चा लोहा कहलाता है जिसमें 4% C तथा अन्य अशुद्धियाँ (S,P, Si,Mn) उपस्थित रहती है।
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